दोना पत्तल उद्योग
दोना पत्तल तैयार करने का व्यवसाय भारत में हजारों वर्षो से है। परंतु आज के आधुनिकीकरण के जमाने में पेड़ो पत्तों से तैयार की जाने वाले दोने पत्तल की जगह पेपरडीश ने ले ली है। भारतीय संस्कृति में अनेक पीढीयों से दोना पत्तल का उपयोग खान पान के लिये किया जाता है। आज कल सभी कार्यक्रमों में दोने पत्तल का उपयोग किया जाने लगा है। टूरिस्ट लोग सफर में समय और शारीरिक मेहनत बचाने के लिये डिस्पोजल साथ लेकर जाते हैै। यह व्यवसाय आजकल बहुत तेजी में है। पहले कोई भी कार्यक्रम होने पर थाली कटोरे किराये पर लाने पड़ते थे, इसके लिये उन्हें किराया देना पड़ता था। कार्यक्रम खत्म होने पर बर्तन वापिस करते वक्त मजदूर लगाकर बर्तन साफ करके देने पड़ते थे। कार्यक्रमों में कुछ लोगो के भोजन करके उठने के बाद थाली कटोरों को स्वच्छ करने तक लोगों को भोजन का इंतेजार करना पड़ता था। किराये से लाये हुये बर्तनों मे से कुछ गायब होते थे जिससे आर्थिक नुकसान होता था।
इन सब पर पर्याय के रूप में डिस्पोजल दोना पत्तल का उपयोग अधिक होने लगा। इसी कारण इस धंधे में तेजी आयी। डिस्पोजल उपयोग होने के बाद फेेंक दी जाती है मतलब यूज एंड थ्रो करने से इसकी मांग चिरकाल भी होती है। इस व्यवसाय से स्वयं के साथ परिवार के अन्य लोगों को भी रोजगार मिल सकता है।
मार्केट- इनकी जरूरत हर घर को होती है। इसी लिये हर घर आपका ग्राहक है। किराना दुकानें, स्टेशनरी दुकानें, पान की दुकानें आदि स्थानों पर यह आसानी से बिक जाती है। इनके कुछ होल सेल व्यापारी भी होते है। उन्हें आप ऑर्डर के अनुसार माल तैयार करके दे सकते है। इसके अलावा कई तरीकों से आप यह व्यवसाय कर सकते है।
राॅ मटेरियल- विविध रंगो के वाॅटर प्रूफ कागज, जिन आकारों मेें दोना पत्तल तैयार करने है उनके डाई, मांग के अनुसार सिल्वर, गोल्डन, प्लास्टिक कोटेड पेपर लगेंगे।
मशीनरी - इसमें 10 हजार से लेकर 2 लाख तक की मशीनरी होती है। इसकी अधिक जानकारी के लिये आप हमें संपर्क कर सकते है। हम आपको आपके क्षेत्र में मशीनरी उपलब्ध करा देंगे और साथ ही बिजनेस का प्रशिक्षण भी मिल जायेगा।
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"अपने काम पर श्रद्धा रखों, काम जरूर पूरा होगा।"
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