Monday, 26 November 2018

Best Motivational Story {सकारात्मक सोच}

हैलो दोस्तों.....


आज मैं आपको एक कहानी सुनाता हूं....जिसकी मदद से आपको जिंदगी को समझने में मदद मिलेगी। और हो सकता है आपके मन के नकारात्मक विचार भी दूर हो जाये।

तो दास्तों होता यूं है कि एक बार एक बगीचे में एक गरीब का बच्चा खेल रहा होता है। जिसके कपड़े-जूते आदि सब फटे हुये होते है। तभी उसकी नजर एक बच्चे पर पड़ती है जो वही बगीचे की बेंच पर बैठा होता है और जो बहुत अमीर होता है। वह बहुत अच्छे कपडे़ पहने हुये होता है और गले में सोने की चैन पहने होता है। 
उसे देख कर गरीब बच्चा उदास हो जाता है और अपने आप को और अपनी किस्मत को कोसने लगता है। 
वो भगवान से बोलता है कि ‘‘हे भगवान’’
तुमको उसको अमीर और मुझे गरीब क्‍यों बनाया । मैं बहुत दुखी हूं, आप काश मुझे भी उसके जैसा बना देते
थोड़ी देर बाद वह देखता है कि वह उस अमीर बच्चे की जगह बैठा है, और उसने वही कपड़े पहने है जो उस अमीर बच्चे ने पहने है, उसके गले में भी वहीं सोने की चैन है। 
इतना देख कर बच्चा बहुत खुश हो जाता है और भगवान को धन्यवाद देता है।
लेकिन वो बच्चा जब सामने देखता है तो पाता है कि, जो बच्चा बेंच पर बैठा था वह उसकी तरह गरीब हो जाता है। लेकिन वह बहुत मजे से खेल रहा होता है और बहुत हंस रहा होता है। उसे ये बात समझ नहीं आती की वह गरीब होने पर भी खुश क्यों हो रहा है।
कुछ देर बाद जब वह उठने की कोशिश करता है तो उठ नहीं पाता, वह बहुत कोशिश करने पर भी असफल रहता है। फिर उसे समझ आता है कि वह विकलांग है😔। और एक महिला सामने से व्हील चेयर लेकर आती हुई दिखाई देती है जो उसके लिये होती है।
उसकी एक छोटी सी गलती उसे सारी जिंदगी के लिये पछतावे में डाल देती है।

दोस्तों ऐसा अक्सर हमारे साथ भी होता है। हम हमेशा दूसरों की जिंदगी को देख कर अपने आप को कोसने लगते है। जबकि चमक दमक ही असली जिंदगी नहीं होती है। कई बार हम दूसरों को देखकर ऐसे फैसले ले लेते है कि बाद में हमें पछताना पड़ता है।
आप ये मत सोचिये कि- इसकी लाइफ अच्छी है, इसके तो मजे है, नौकर चाकर है, गाड़ी है, इसको कोई टेंशन नहीं है। 
आप अपने काम में आगे जाओ, ये नहीं कि दूसरे को देखकर उसकी लाईन में चले जाओ। आप अपने काम को वेस्ट बनाओ और कुछ कर के दिखाओ, वो होती है असली लाइफ।
जिंदगी भगवान का दिया हुआ एक उपहार है और बहुत बहुमूल्य भी। अपनी जिंदगी को अपने अनुसार जिये, अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करें। उन्हें और अपने आप को खुश रखे।
आशा करता हूं इतना पढ़ने के बाद आप एक बार जरूर सोचेंगें। आप अपनी राय हमें कमेंट बाक्स में जरूर दें और दोस्तों नीचे दिये हुये शेयर बटन का उपयोग करके इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

धन्‍यवाद 😊
आपका दोस्‍त- उपांशु अग्रवाल

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